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    इतिहास


    अनूपपुर जिले का न्यायिक इतिहास

    प्ररंभ में अनूपपुर शहडोल जिले के न्यायिक क्षेत्राधिकार के अन्तर्गत था, यहाॅ पहले व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-२ के श्रंखला न्यायालय 18 मार्च 1987 को प्रांरभ हुआ था। उक्त श्रंखला न्यायालय का उदघटन श्री आर.के. शर्मा जिला एवं सत्र न्यायाधीश शहडोल द्वारा किया गया था। यह श्रंखला न्यायालय माह में सात दिवस के लिये कार्यरत थी। श्री एस.पी. शुक्ला पहले पीठासीन अधिकारी थे, जिनके श्रंखला न्यायालय शहडोल जिले से लिंक थी। श्री के.जी. सुरेखा दूसरे पीठासीन अधिकारी थे, जिनके श्रंखला न्यायालय राजेन्द्राग्राम तहसील से लिंक थी।

    वर्तमान में जिला अनूपपुर में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायालय एवं राजेन्द्रग्राम एवं कोतमा तहसील न्यायालय के रूप में है।

    नवम्बर 2005 में व्यवहार न्यायाधीश के न्यायालय नियमित न्यायालय के रूप में प्रारंभ की गइ थी, जिसमें प्रथम पीठासीन अधिकारी श्री जितेन्द्र सिंह मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के रूप पदस्थ हुये थे।

    अनूपपुर जिला 15 अगस्त 2003 शहडोल जिले से अलग होकर अस्तित्व में आया, किन्तु सिविल न्यायालय के रूप में वर्ष 2009 में घोषित हुआ।